आखिरी परिचयtoपरंपरागत धार्मिक एवं सामाजिक बंधनों में छटपटाती नारी की अनोखी दास्तान है 'आखिरी परिचय', जिसे 'नारी वेदना के पुरोहित' शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने पंद्रहवे अध्याय तक ही लिखा था और जिसे पूरा किया था और जिसे पूरा किया था श्रीमती राधारानी देवी ने. ग्रामीण समाज एवं काशीनाथtoगरीबी, पारस्परिक ईष्याद्वेष, दोहरी नीति, छलकपट, दलबन्दी, शक्तिसंपन्न लोगों की चौधराहट आदि वे सहज प्रवृतियां हैं, जिन से भारतीय गावों का सामाजिक वातावरण सदियों से प्रभावित रहा है और जिसे शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने प्रस्तुत उपन्यासto'ग्रामीण समाज' में बखूबी रेखांकित किया है. लघु उपन्यास 'काशीनाथ' भी संकलित है. दत्ताto'दत्ता' के माध्यम से भारतीय साहित्यकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने नारी को निरीह एवं दयनीय स्थिति से उबारने का प्रयास किया है,
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 252 |
Product Code: | 788 |
ISBN: | 9788179872536 |
Availability: | In Stock |
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Aakhiri Parichay
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 788
- ISBN: 9788179872536
- Availability: In Stock
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