कथा सम्राट प्रेमचंद विश्व के उन प्रसिद्ध एवं विशिष्ट कथाकारों की श्रेणी में गिने जाते हैं, जिन्होंने समाज के सभी वर्गोंto अमीरगरीब, स्रीपुरुष, बच्चेबूढ़े, जमीन्दारकिसान, साहूकारकर्जदार आदि के जीवन और उन की समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधीसादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है.
यही कारण है कि प्रेमचंद की कहानियां हिन्दीभाषी क्षेत्रों में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं.
इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी उन की चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं.
इसी संदर्भ में प्रस्तुत हैto दांपत्य प्रेम को नए आयाम देती उन की चुनिंदा कहानियों का संग्रहto'स्मृति का पुजारी.' पत्नी की मृत्यु के बाद महाशय होरीलाल के लिए तो जैसे सब कुछ समाप्त हो गया था. लेकिन कुछ वर्षों बाद जब उन के रंगढंग बदले तो मित्रों को लगा कि पत्नी की मृत्यु के बाद खाली सिंहासन भरने वाला है. सच्चाई क्या थी?
'स्मृति का पुजारी' तथा अन्य ऐसी कहानियां जो दांपत्य प्रेम के मधुर अनुभवों का झरोखा हैं.
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 719 |
ISBN: | 9788179871843 |
Availability: | In Stock |
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Smriti Ka Pujari
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 719
- ISBN: 9788179871843
- Availability: In Stock
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